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[100] बेस्ट गुलज़ार शायरी | Shayari of Gulzar in Hindi

[100] बेस्ट गुलज़ार शायरी | Shayari of Gulzar in Hindi

गुलज़ार एक प्रतिष्ठित कवि, गीतकार और फिल्म निर्देशक हैं। उनकी शायरी में जीवन के विभिन्न पहलुओं को गहराई से व्यक्त किया गया है। इस आर्टिकल में गुलज़ार जी के 100 बेस्ट शायरियाँ शेयर किया गया है।

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[100] बेस्ट गुलज़ार शायरी | Shayari of Gulzar in Hindi


तुम्हारे पास आने की तमन्ना है, मगर डरता हूँ, मेरे इस डर को तुम समझो, तो चलो ऐतबार करते हैं।

चाँद पिघल रहा था हमारे जिस्म पर तुमने उसे बाँध रखा था मेरी बाँहों के साथ।

वो उम्र भर दोस्ती निभाता चला गया, हम बस ये सोचते रह गए कि उसने कभी मोहब्बत की ही नहीं।

तुम्हारी याद के जब ज़ख्म भरने लगते हैं, किसी बहाने तुम्हें याद करने लगते हैं।

शाख़ों से टूट जाए वो पत्ते नहीं हैं, हम आंधी से कोई कह दे कि औकात में रहे।

बहुत छाले हैं उसके पाँव में फिर भी कहता है, कि अब दूर मंजिल नहीं।

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँख में हम को भी इंतज़ार दिखे।

तेरे बिना ज़िंदगी से कोई शिकायत नहीं, पर तेरे बिना ज़िंदगी भी कोई ज़िंदगी नहीं।

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़, किसी की आँख में हम को भी इंतज़ार दिखे।

तेरे जाने के बाद भी, तेरा ही इंतजार करते हैं, ये वो इश्क़ है जिसमें हम हर बार हारते हैं।

कोई अटका हुआ है, पल शायद वक़्त में गर्दिशें नहीं होतीं।

आँखों में रहा दिल में उतर कर नहीं देखा, कश्ती के मुसाफिर ने समंदर नहीं देखा।

आदतन तुम ने कर दिए वादे, आदतन हम ने ऐतबार किया।

एक दीवार है जो मेरे और तेरे दरमियान है, इसे गिरा दे या खुद ही गिर जा।

कभी कभी खामोशियाँ भी कह देती हैं, जिन बातों का बोलना जरूरी नहीं होता।

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में, एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।

वो मेरे पास ही रहता है, लेकिन दूरियों से मुहब्बत करता है।

आँखों में नमी हो या चेहरे पर हँसी हो, ज़िन्दगी जो भी हो, बस अपनी सी हो।

आदतन तुम ने कर दिए वादे, आदतन हम ने ऐतबार किया।

कोई अटका हुआ है, पल शायद वक़्त में गर्दिशें नहीं होतीं।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक़्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते।

शाम से आँख में नमी सी है, आज फिर आप की कमी सी है।

सहमा सहमा डरा सा रहता है, जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है।

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो कोई पुराना ख्वाब पूरा नहीं हुआ।

आदतें भी अजीब होती हैं, जरा सा बदल जाएं तो इंसान गैर सा लगने लगता है।

तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है, एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है, और कभी एक पल जिंदगी बन जाता है।

उसको रुखसत तो किया था मुझे मालूम न था, सारा घर ले गया, घर छोड़ के जाने वाला।

छोटा सा एक पल और झुकी झुकी सी एक नजर, अक्सर हज़ारों ख़्वाबों को छीन लेते हैं।

एक उदासी सी शाम थी, और हमें तुम्हारी याद आ रही थी।

हवा में सुना साज़ बज रहा था, किसी की याद में दिल तड़प रहा था।

कभी सोचते हैं कुछ कह दें, पर फिर सोचते हैं कि रहने दें।

मिल जाए तो मिट्टी, खो जाए, तो सोना हर शख़्स अपनी जगह पर अनमोल होता है।

जिंदगी में कभी कोई राह आसान नहीं होती, मगर उसको पार करना हर किसी के बस की बात नहीं होती।

कभी कभी उदासी भी, गम नहीं होती कभी कभी खुशी भी, खुशी नहीं होती।

अजीब तमाशा है, यूं बिखर कर रह गए ,अब तुमसे क्या कहें, कहां और कैसे रह गए।

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह, अब तेरा शहर ही अपना शहर हो जाए।

नफरतों के शहर में हम दोस्ती ढूंढ़ते रहे, ग़म की रातों में हम रौशनी ढूंढ़ते रहे।

वो जो नहीं है पास, उसको भी कभी भुलाया नहीं जो है, पास, उसको भी कभी अपनाया नहीं।

मुझे से कह रहा था, समय कि अब तुम बदलो और मैं समय से कह रहा था कि अब तुम ठहरो।

एक लंबी खामोशी और फिर सब कह दिया, उसने मेरे दिल की हर धड़कन समझ लिया।

तुझसे दूर भी हम, तेरे पास ही थे, बस एहसास में तुझसे, कुछ खास ही थे।

तुम्हारी याद में अब, न जाने क्या-क्या लिखा, हर लफ़्ज़ में तुम्हारी ही सूरत, बयां किया।

तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जाएगा, दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा।

तू साथ है तो, सब कुछ आसान लगता है, तू नहीं तो, हर कोई बेगाना लगता है।

कभी ये ख्याल आता है, कि तुम पास हो, फिर ये अहसास होता है, कि तुम खास हो।

तुम्हारी हँसी के बिना, ये जहां वीरान है, तुम्हारे बिना, हर दिन अंजान है।

जब भी सोचते हैं तुम्हारे बारे में बस एक ही ख्याल आता है, काश तुम होते।

तुम्हारी मोहब्बत की ये इनायतें हमें, ज़िन्दगी की हर राह आसान लगती है।

अब भी याद है तुम्हारा वो मुस्कुराना तुम्हारे बिना, अब हम क्या से क्या हो गए।

आँखों के पर्दे भी नम हो गए
बातों के सिलसिले भी कम हो गए।

वो लोग बहुत ख़ुशक़िस्मत थे
जो इश्क़ को काम समझते थे।

किताबें झाँकती हैं बंद अलमारी के शीशों से
बड़ी हसरत से तकती हैं।

तेरे बिना ज़िन्दगी से कोई शिकवा तो नहीं
तेरे बिना ज़िन्दगी भी लेकिन ज़िन्दगी तो नहीं।

चाँद के साथ कई दर्द पुराने निकले
कितने ग़म थे जो तेरे ग़म के बहाने निकले।

रात चुप-चाप दबे पाँव चली जाती है
दिन भी सहमा हुआ पीछे-पीछे आता है।

आज़ाद रहो सोच से, लेकिन बाँध लो खुद को
इल्म का पहनावा पहनो और प्यार का बंधन बांध लो।

कभी तो चौंक के देखे कोई हमारी तरफ़
किसी की आँख में हम को भी इंतज़ार दिखे।

रंजिश ही सही, दिल ही दुखाने के लिए आ
आ फिर से मुझे छोड़ के जाने के लिए आ।

तेरे जाने के बाद भी तेरा ही इंतजार करते हैं
ये वो इश्क़ है जिसमें हम हर बार हारते हैं।

ख़ुशबू जैसे लोग मिले अफ़साने में
एक पुराना ख़त खोला अनजाने में।

किसी पे दिल अगर आ जाए तो क्या कीजे
लेकिन पूछिए कि ये दिल क्यों हुआ, कैसे हुआ।

कोई अटका हुआ है पल शायद
वक़्त में गर्दिशें नहीं होतीं।

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते
वक़्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते।

शाम से आँख में नमी सी है
आज फिर आप की कमी सी है।

सहमा सहमा डरा सा रहता है
जाने क्यूँ जी भरा सा रहता है।

पलक से पानी गिरा है, तो उसको गिरने दो
कोई पुराना ख्वाब पूरा नहीं हुआ।

आदतें भी अजीब होती हैं
जरा सा बदल जाएं तो इंसान गैर सा लगने लगता है।

तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
और कभी एक पल जिंदगी बन जाता है।

उसको रुखसत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया, घर छोड़ के जाने वाला।

छोटा सा एक पल और झुकी झुकी सी एक नजर
अक्सर हज़ारों ख़्वाबों को छीन लेते हैं।

एक उदासी सी शाम थी
और हमें तुम्हारी याद आ रही थी।

हवा में सुना साज़ बज रहा था
किसी की याद में दिल तड़प रहा था।

कभी सोचते हैं कुछ कह दें
पर फिर सोचते हैं कि रहने दें।

मिल जाए तो मिट्टी, खो जाए तो सोना
हर शख़्स अपनी जगह पर अनमोल होता है।

जिंदगी में कभी कोई राह आसान नहीं होती
मगर उसको पार करना हर किसी के बस की बात नहीं होती।

कभी कभी उदासी भी, गम नहीं होती
कभी कभी खुशी भी, खुशी नहीं होती।

अजीब तमाशा है, यूं बिखर कर रह गए
अब तुमसे क्या कहें, कहां और कैसे रह गए।

हम तेरे शहर में आए हैं मुसाफिर की तरह
अब तेरा शहर ही अपना शहर हो जाए।

नफरतों के शहर में हम दोस्ती ढूंढ़ते रहे
ग़म की रातों में हम रौशनी ढूंढ़ते रहे।

वो जो नहीं है पास, उसको भी कभी भुलाया नहीं
जो है पास, उसको भी कभी अपनाया नहीं।

मुझे से कह रहा था, समय कि अब तुम बदलो
और मैं समय से कह रहा था कि अब तुम ठहरो।

एक लंबी खामोशी और फिर सब कह दिया
उसने मेरे दिल की हर धड़कन समझ लिया।

तुझसे दूर भी हम, तेरे पास ही थे
बस एहसास में तुझसे, कुछ खास ही थे।

तुम्हारी याद में अब, न जाने क्या-क्या लिखा
हर लफ़्ज़ में तुम्हारी ही सूरत, बयां किया।

तू नहीं तो ज़िन्दगी में और क्या रह जाएगा
दूर तक तन्हाइयों का सिलसिला रह जाएगा।

तू साथ है तो, सब कुछ आसान लगता है
तू नहीं तो, हर कोई बेगाना लगता है।

कभी ये ख्याल आता है, कि तुम पास हो
फिर ये अहसास होता है, कि तुम खास हो।

तुम्हारी हँसी के बिना, ये जहां वीरान है
तुम्हारे बिना, हर दिन अंजान है।

जब भी सोचते हैं तुम्हारे बारे में
बस एक ही ख्याल आता है, काश तुम होते।

तुम्हारी मोहब्बत की ये इनायतें
हमें ज़िन्दगी की हर राह आसान लगती है।

अब भी याद है तुम्हारा वो मुस्कुराना
तुम्हारे बिना, अब हम क्या से क्या हो गए।

आदतें भी अजीब होती हैं
जरा सा बदल जाएं तो इंसान गैर सा लगने लगता है।

तन्हाइयों में मुस्कुराना इश्क़ है
एक बात को सब से छुपाना इश्क़ है।

कभी जिंदगी एक पल में गुजर जाती है
और कभी एक पल जिंदगी बन जाता है।

उसको रुखसत तो किया था मुझे मालूम न था
सारा घर ले गया, घर छोड़ के जाने वाला।

छोटा सा एक पल और झुकी झुकी सी एक नजर
अक्सर हज़ारों ख़्वाबों को छीन लेते हैं।

एक उदासी सी शाम थी
और हमें तुम्हारी याद आ रही थी।

हवा में सुना साज़ बज रहा था
किसी की याद में दिल तड़प रहा था।


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